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विविध लेख – व्रत, पर्व, त्यौहार, पूजा, अनुष्ठान आदि

प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत

यह व्रत अपने आप मे बहुत ही उपयोगी एवं पुण्य प्रदाता है। जिससे कई प्रकार के दुख दर्दों को दूर करके व्यक्ति जीवन में खुशहाली को प्राप्त करता है। इस व्रत के नियमों का जो पालन करता और विधि पूर्वक पूजा

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गंगा दशहरा

गंगा दशहरा

यह हिन्दू धर्म के बेहद पवित्र एवं मंगलकारी पर्व में से एक है। जो हमारे पवित्र आस्थाओं की देवी माँ गंगा के उपलक्ष्य में पूरे हर्षोल्लास के साथ ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। गंगा से जुड़ने और

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वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत

यह व्रत भारत की नारियों के दृढ़प्रतिज्ञ होने और उनके सतित्व को आत्मसात करने की महत्वाकांक्षा का बेहद पवित्र सोपान है। जो प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह मानव जीवन

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हनुमान जयंती

हनुमान जयंती

यह हमारे पर्व में बेहद महत्वपूर्ण और धर्मनिष्ठ तपो भूमि मे सच्ची भक्ती के अनुपम उदाहरणों में खास है। जो प्रति वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष 07 अपै्रल 2020 मंगलवार को यह खास पर्व मनाया

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अनंग त्रयोदशी व्रत

अनंग त्रयोदशी व्रत

यह व्रत हिन्दू धर्म में पुनः जीवन के संचार को जोड़ने वाला है। जिसके संदर्भ में धार्मिक ग्रन्थों में कई सारगर्भित कथायें प्राप्त होती हैं। अनंग का अर्थ होता है। बिना अंग वाला अर्थात् जिससे कोई शरीर नही हो वह अनंग कहलाता है। यह व्रत

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स्कन्द षष्ठी व्रत

स्कन्द षष्ठी व्रत

यह व्रत भगवान कार्तिकेय की प्रसन्नता एवं भक्ति को प्राप्त करने के लिये किया जाता है। भगवान कार्तिकेय का एक और नाम जिसे स्कंद भी कहा जाता है। उसी नाम से यह व्रत प्रसिद्ध है। क्योंकि स्कंद पुराण में इस व्रत के महात्म्य

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दुर्गाष्टमी व्रत

दुर्गाष्टमी व्रत

ऋतु चक्र के अनुसार प्रत्येक व्रत का अपना विशेष पुण्य और विधान होता। इसी प्रकार श्री दुर्गाष्टमी अपने आप में काफी विख्यात एवं पुण्य फलों को देने वाली होती है। प्रत्येक महीने तिथियों का क्रम आता रहता है। जिसमें अष्टमी तिथि महीने में दो बा

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गौरी तृतीया व्रत

गौरी तृतीया व्रत

यह व्रत हमारे व्रत एवं त्यौहारों को खास पर्व है। जो अपने आप में परम पुनीत एवं शुभ एवं पुण्यफल प्रदाता भी है। इस व्रत में माँ गौरी की आराधना की जाती है। तृतीया तिथि का व्रत माँ भगवती गौरी को समर्पित है। संसार को

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विक्रमी संवत्सर

विक्रमी संवत्सर

यह भारत भूमि के हिन्दू पचांग का सुप्रसिद्ध विक्रम संवत्सर है। जो प्रति वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होता है। जिसका आगमन पूरे हिन्दूस्तान में खुशी का प्रतीक होता है। इसे लेकर समूचा जनमानस बड़ा ही उत्सुक रहता

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अक्षय तृतीया – महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व 10 मई 2024

अक्षय तृतीया – महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व 10 मई 2024

बढ़ती हुई गर्मी और विविध प्रकार के फल-फूलों से नित नव श्रृंगार करती वसुन्धरा की लहलहाती फसले जब पकने लगती है, तो भारत वर्ष में न केवल कृषक बल्कि आम जन चाहे

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माँ सिद्धिदात्री – नवदुर्गा की नवीं शक्ति

माँ सिद्धिदात्री – नवदुर्गा की नवीं शक्ति

धरा पर दैत्यों के अत्याचारों को नष्ट करने के लिए तथा मानव के कल्याण व धर्म की रक्षा हेतु माँ भगवती दुर्गा नवरात्रि के नवें दिन सिद्धि दात्री के रूप में उत्पन्न होती है। यह माँ

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माँ महागौरी – नवदुर्गा की आठवीं शक्ति

माँ महागौरी – नवदुर्गा की आठवीं शक्ति

भूमण्डल में दैत्यों का उत्पात जब इस कदर बढ़ गया कि मानव क्या? देवता भी अपने यज्ञ भाग नहीं पाते थे और उनके भी स्थान राक्षसों द्वारा छीन लिए गए। इस अनीत व उत्पात को समाप्त

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माँ कालरात्रि – नवदुर्गा की सातवीं शक्ति

माँ कालरात्रि – नवदुर्गा की सातवीं शक्ति

इस जगत में धर्म की रक्षा तथा दैत्यों के विनाश के लिए ऋषि-मुनियों ने जब-जब ईश्वर से प्रार्थना की तब-तब उस ईश्वर ने किसी शक्ति को धरा के कल्याण के लिए दैवीय शक्ति

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माँ कात्यायनी – नवदुर्गा की छठी शक्ति

माँ कात्यायनी – नवदुर्गा की छठी शक्ति

जब-जब संसार में दैत्यों का अत्याचार बढ़ता है। धर्म व धरा तथा ऋषि समुदाय सहित देव गण भी उनके बढ़ते हुए दुराचारों से आक्रान्त होने लगते हैं। तब-तब किसी न किसी दैवीय

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माँ स्कन्दमाता – नवदुर्गा की पांचवी शक्ति

माँ स्कन्दमाता – नवदुर्गा की पांचवी शक्ति

सम्पूर्ण जगत की भलाई व देवताओं के कल्याण हेतु माँ दुर्गा भगवती नव रात्रि में नव रूपों अर्थात् प्रतिमाओं में प्रकट हुई। जिसमें स्कन्दमाता की प्रतिमा की उत्पत्ति नवरात्रि के

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माँ कूष्माण्डा – नवदुर्गा की चौथी शक्ति

माँ कूष्माण्डा – नवदुर्गा की चौथी शक्ति

धरातल पर युगों से परम कल्याणकारी दैवी शक्ति की कृपा श्रद्धालु भक्तों को प्राप्त होती रही है। चाहे व सृष्टि के सृजन का क्रम हो या फिर जीवन को समृद्ध करने का क्रम हो या राक्षसी

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