राहु-केतु गोचर 2025 का सभी बारह राशियों पर प्रभाव
Published On : May 11, 2025 | Author : Astrologer Pt Umesh Chandra Pant
राहु केतु गोचर 2025 (Rahu-Ketu Gochar 2025): सभी राशियों पर विस्तृत ज्योतिषीय प्रभाव
Rahu Ketu Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को अदृश्य छाया ग्रह माना जाता है, लेकिन इनका प्रभाव बहुत गहरा और परिवर्तनकारी होता है। यह दोनों ग्रह मानव जीवन में मानसिक और आध्यात्मिक चेतना को गहराई से प्रभावित करते हैं। राहु जहां भविष्य की ओर खींचता है, वहीं केतु अतीत की ओर मोड़ता है। एक सांसारिक अनुभवों का प्रतीक है, दूसरा आध्यात्मिक मुक्ति का मार्गदर्शक।
राहु को आकाशीय नाग का सिर और केतु को उसकी पूंछ माना जाता है। ये दोनों हमेशा एक-दूसरे के विपरीत चलते हैं और मिलकर हमारी इच्छाओं, भ्रमों, वासनाओं और आत्म-विकास की यात्रा को दिशा देते हैं।
2025 में राहु केतु का गोचर (Rahu Ketu Transit 2025) कब हो रहा है?
2025 में 18 मई को शाम 5:08 बजे पर राहु मीन राशि से कुम्भ राशि में और केतु कन्या राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेगा। 2025 में राहु-केतु का गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2025) 5 दिसंबर 2026, शनिवार को शाम 07:28 बजे तक प्रभाव में रहेगा। यह परिवर्तन तकनीक, समाज, सत्ता और रचनात्मकता से जुड़ी सोच में नए बदलाव लाएगा।
गोचर का जीवन पर प्रभाव
राहु के कुम्भ राशि में गोचर से समाज, विज्ञान, विद्रोह और नवाचार को बल मिलेगा। लोग परंपराओं से हटकर सोचने लगेंगे और तकनीक या रिफॉर्म से जुड़ी गतिविधियाँ तेज होंगी। लेकिन यही राहु भ्रम, अव्यवस्था और बौद्धिक अहंकार भी दे सकता है।
केतु का सिंह राशि में गोचर अहंकार, आत्म-अधिकार और क्रिएटिव पहचान से जुड़े क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। यह गोचर नेतृत्व की परीक्षा लेगा और व्यक्ति को दिखावे से हटाकर भीतर की ओर मोड़ सकता है।
अब आइए जानते हैं कि राहु-केतु गोचर 2025 आपके लिए क्या लेकर आया है—राशि अनुसार विश्लेषण अगले भागों में प्रस्तुत है।
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मेष राशि Mesh Rashi (Aries) – लाभ के द्वार खोलता राहु और प्रेम में चेतावनी देता केतु
राहु का 2025 में आपके ग्यारहवें भाव में प्रवेश आपकी आय, आकांक्षाओं और सामाजिक दायरे में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आ रहा है। आपकी महत्वाकांक्षाएँ तीव्र होंगी और आपको ऐसे अवसर प्राप्त हो सकते हैं जिनके बारे में आपने पहले केवल कल्पना की थी। नेटवर्किंग और बड़े संपर्क आपके कार्य में मदद करेंगे। राहु की यह स्थिति आपको विशेष रूप से व्यवसायिक दृष्टिकोण से लाभ दे सकती है, विशेष रूप से तकनीकी, डिजिटल या मार्केटिंग क्षेत्रों में। लेकिन याद रखें, राहु का प्रभाव भ्रमपूर्ण भी हो सकता है। अतः किसी भी आर्थिक योजना या निवेश से पहले सोच-समझकर निर्णय लें।
वहीं, केतु आपके पांचवें भाव में गोचर कर रहा है, जो प्रेम, संतान और रचनात्मकता से जुड़ा होता है। यह स्थिति प्रेम संबंधों में गलतफहमियों, संकोच और भावनात्मक दूरी का कारण बन सकती है। छात्रों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है या वे अपने लक्ष्यों को लेकर असमंजस में रह सकते हैं। आपकी रचनात्मक ऊर्जा भीतर की ओर मुड़ेगी, जिससे आध्यात्मिक रुझान बढ़ सकता है।
राहु-केतु का गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2025) आपको सामाजिक रूप से सफल बनाते हुए व्यक्तिगत रूप से आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करेगा। संतुलन बनाए रखें और जल्दबाज़ी में निर्णय न लें।
उपाय: बुधवार को मंदिर में काले तिल का दान करें और श्रीगणेश जी का विधिवत पूजन करें।
वृषभ राशि Vrishabh Rashi (Taurus) – करियर की ऊँचाइयाँ और घरेलू जीवन की परीक्षा
2025 में राहु का दशम भाव में गोचर आपके करियर में तीव्र गति और नई ऊंचाइयों की ओर ले जाएगा। कार्यस्थल पर आपकी छवि निखरेगी और लोग आपके नेतृत्व को स्वीकार करेंगे। महत्वाकांक्षा तीव्र होगी और आपको विदेशी या तकनीकी प्रोजेक्ट्स में अवसर मिल सकते हैं। यह समय विशेष रूप से उन लोगों के लिए अनुकूल रहेगा जो मीडिया, राजनीति या प्रशासन से जुड़े हैं। लेकिन राहु का प्रभाव आपको कभी-कभी शॉर्टकट्स या अनैतिक तरीकों की ओर भी प्रेरित कर सकता है। इससे बचना आवश्यक होगा।
केतु चौथे भाव में गोचर करेगा, जो घरेलू सुख, माता और भावनात्मक आधार का प्रतीक होता है। इस गोचर के प्रभाव से घर के वातावरण में दूरी या असंतोष की स्थिति बन सकती है। माता के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। मन किसी गहरे आध्यात्मिक विषय की ओर आकर्षित हो सकता है लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों से पलायन न करें।
यह गोचर एक तरफ व्यावसायिक ऊँचाइयों का द्वार खोलता है तो दूसरी ओर घरेलू जिम्मेदारियों की परीक्षा भी लेता है। संतुलन बनाकर चलें।
उपाय: शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और राहु बीज मंत्र का जाप करें।
मिथुन राशि Mithun Rashi (Gemini) – विश्वास की कसौटी और वैचारिक परिवर्तन
राहु का नवम भाव में गोचर आपके विश्वास, दर्शन और भाग्य से संबंधित क्षेत्रों में अस्थिरता और प्रयोग की भावना ला सकता है। आप पारंपरिक मान्यताओं से हटकर सोचने लगेंगे। इस समय विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा, या किसी नए विषय की ओर रुचि बढ़ सकती है। गुरु या पिता से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, इसलिए संवाद में संयम आवश्यक है। राहु आपकी खोजी प्रवृत्ति को जाग्रत करेगा, लेकिन यह भ्रम भी दे सकता है – अतः सत्य तक पहुँचने के लिए धैर्य रखें।
केतु तीसरे भाव में गोचर करेगा, जिससे आपकी संप्रेषण शक्ति में कुछ ठहराव आएगा। आप सीमित लेकिन गहन विचारों के साथ संवाद करना चाहेंगे। भाई-बहनों से दूरी महसूस हो सकती है या उनके साथ तालमेल में कमी आ सकती है। यात्रा से लाभ संभव है, लेकिन अनावश्यक जोखिम से बचें।
यह गोचर आत्मिक विकास और आंतरिक स्वतंत्रता की ओर प्रेरित करता है। नई सोच को अपनाएं लेकिन अहंकार से बचें।
उपाय: बृहस्पतिवार को नागकेसर का पौधा लगाएं और “ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें।
कर्क राशि Kark Rashi (Cancer) – रहस्यों की खोज और आर्थिक जिम्मेदारियों की चुनौती
राहु का अष्टम भाव में प्रवेश जीवन में रहस्यमयी और अनदेखे पहलुओं की ओर ध्यान आकर्षित करेगा। आप गूढ़ विषयों, ज्योतिष, गुप्त विज्ञान या मनोविज्ञान में रुचि ले सकते हैं। यह समय ट्रांसफॉर्मेशन का है – जीवन और मृत्यु के दर्शन, बीमा, टैक्स या इनहेरिटेंस से जुड़े मामलों में अचानक घटनाएं हो सकती हैं। राहु का यह प्रभाव आपको बहुत कुछ सिखाएगा लेकिन तनाव भी दे सकता है, विशेष रूप से स्वास्थ्य या गुप्त शत्रुओं के कारण।
केतु आपके दूसरे भाव में रहेगा, जिससे वाणी में कटुता या असंवेदनशीलता आ सकती है। पारिवारिक मुद्दों में संवाद की कमी समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है। धन संग्रह में अस्थिरता रह सकती है, इसलिए निवेश सोच-समझकर करें। खानपान में लापरवाही से गले या पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
यह गोचर आपको भीतर से नया करने की प्रेरणा देगा। आत्मनिरीक्षण करें, व्यर्थ बहसों से बचें और आंतरिक संतुलन बनाए रखें।
उपाय: सोमवार को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और पारिवारिक बातों में संयम रखें।
सिंह राशि Singh Rashi (Leo) – संबंधों की जटिलता और आत्म-पुनरावलोकन का समय
2025 में राहु का सप्तम भाव में प्रवेश आपके विवाहिक जीवन और साझेदारी संबंधों पर गहरा असर डालेगा। इस अवधि में नए संबंध बन सकते हैं, लेकिन वे सतही या भ्रमपूर्ण हो सकते हैं। विवाहित लोगों को साथी के साथ संवाद में पारदर्शिता रखनी होगी। व्यापारिक साझेदारियों में भी सावधानी रखें क्योंकि राहु भ्रम और लालच का संकेत देता है।
केतु प्रथम भाव में गोचर करेगा, जो आत्म-छवि और पहचान से जुड़ा होता है। यह गोचर आपको अंतर्मुखी बना सकता है और आत्म-विश्लेषण के लिए प्रेरित करेगा। कभी-कभी लोग आपको गलत समझ सकते हैं या आप स्वयं को दुनिया से कटाव में पा सकते हैं। यह समय आत्म-सुधार, योग और ध्यान की ओर बढ़ने का है।
राहु-केतु का गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2025) बाह्य संबंधों की चुनौती के साथ आंतरिक परिपक्वता की मांग करता है। अपने विचारों और निर्णयों में स्पष्टता रखें और झूठे दिखावे से बचें।
उपाय: शनिवार को काले तिल का दान करें और शिव ध्यान से आत्म-संतुलन प्राप्त करें।
कन्या राशि Kanya Rashi (Virgo) – संघर्षों में विजय और आत्मिक मुक्ति की राह
राहु का षष्ठ भाव में गोचर आपके लिए एक योद्धा की तरह शक्ति देगा। आप पुराने शत्रुओं को पराजित कर सकते हैं, कोर्ट-कचहरी के मामले सुलझ सकते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है। यदि आप नौकरी या स्वास्थ्य से संबंधित लंबे समय से जूझ रहे हैं, तो इस समय राहत मिल सकती है। आपकी कार्यक्षमता और आत्मबल बढ़ेगा।
केतु द्वादश भाव में स्थित होकर आपको ध्यान, साधना और आत्म-त्याग की ओर मोड़ सकता है। आप एकांत की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जिससे सामाजिक संबंधों में दूरी आ सकती है। विदेश यात्रा की संभावना प्रबल रहेगी, लेकिन अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगा। नींद की कमी और मानसिक बेचैनी हो सकती है।
यह गोचर कर्म क्षेत्र में उन्नति और आत्मिक शुद्धि के द्वार खोलता है। योजना बनाकर चलें और शरीर तथा मन दोनों का ध्यान रखें।
उपाय: शनिवार को तिल के तेल का दीपक जलाएं और राहु बीज मंत्र का जाप करें।
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तुला राशि Tula Rashi (Libra) – प्रेम और सृजन की नई ऊर्जा, परंतु सामाजिक दूरी की चेतावनी
राहु पंचम भाव में गोचर करेगा जो प्रेम, शिक्षा और सृजनात्मकता से जुड़ा है। आपकी कल्पनाशक्ति बढ़ेगी और कला, अभिनय या लेखन जैसे क्षेत्रों में नये अवसर मिल सकते हैं। प्रेम संबंधों में नई शुरुआत हो सकती है, लेकिन राहु भ्रम पैदा कर सकता है—अतः हर निर्णय विवेकपूर्ण लें। छात्रों को प्रतिस्पर्धा में सफलता मिल सकती है यदि वे अनुशासित रहें।
केतु एकादश भाव में गोचर करेगा जिससे सामाजिक संबंधों में अरुचि आ सकती है। पुराने मित्रों से दूरी या सोशल नेटवर्क से हटाव संभव है। आर्थिक लाभ तो होंगे, लेकिन उनसे संतोष नहीं मिलेगा। यह गोचर आपको आंतरिक पूर्ति की तलाश में लगाएगा।
आपके लिए यह गोचर बाह्य सफलता के साथ आंतरिक संतुलन बनाए रखने की परीक्षा होगा। कल्पनाओं में न बहें—विवेक से निर्णय लें।
उपाय: शुक्रवार को माँ चंडी की पूजा करें और आभार की भावना बनाए रखें।
वृश्चिक राशि Vrishchik Rashi (Scorpio) – भावनात्मक अस्थिरता और करियर पर पुनर्विचार का समय
राहु का चतुर्थ भाव में गोचर घर-परिवार और मानसिक शांति में उतार-चढ़ाव ला सकता है। आप स्थान परिवर्तन, मकान खरीदने या घर की साज-सज्जा पर खर्च कर सकते हैं। लेकिन माता से संबंधों में तनाव या भावनात्मक दूरी संभव है। राहु की यह स्थिति आंतरिक असंतोष बढ़ा सकती है, भले ही बाह्य जीवन व्यवस्थित दिखे।
केतु दशम भाव में होने से कार्यक्षेत्र में अस्पष्टता या आत्म-अविश्वास की भावना आ सकती है। आप वर्तमान नौकरी से असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं या अचानक प्रोफेशन बदलने की इच्छा हो सकती है। अपने लक्ष्य को पुनः परिभाषित करें और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।
राहु-केतु का गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2025) जीवन में स्थिरता और उद्देश्य की तलाश को दर्शाता है।
उपाय: शनिवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाएं और माता की सेवा करें।
धनु राशि Dhanu Rashi (Sagittarius) – साहसिक प्रयासों का समय लेकिन आस्था की चुनौती
2025 में राहु का तृतीय भाव में गोचर आपकी संप्रेषण शक्ति, साहस और निर्णय क्षमता को तीव्र करेगा। आप नये कार्यों में जोखिम लेने को तत्पर रहेंगे और छोटी यात्राओं से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लेखन, मीडिया, सेल्स या पब्लिक रिलेशन से जुड़े लोग विशेष सफलता प्राप्त कर सकते हैं। राहु आपको आत्मविश्वास देगा लेकिन कभी-कभी अति आत्मविश्वास या अधीरता आपको हानि पहुँचा सकती है।
केतु नवम भाव में स्थित होकर आपके धर्म, विश्वास और गुरुजनों के प्रति दृष्टिकोण को प्रभावित करेगा। आप परंपराओं से हटकर सोचने लगेंगे, जिससे गुरु, पिता या बुजुर्गों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा के इच्छुक लोगों के लिए यह समय उपयुक्त है लेकिन मानसिक उलझन बनी रह सकती है।
यह गोचर आपके आत्म-बल को बढ़ाता है लेकिन आपकी आस्था को परखता है। अपने मूल्यों से विचलित न हों।
उपाय: रविवार को गाय को गेहूं का आटा खिलाएं और पिता या गुरु के प्रति सम्मान रखें।
मकर राशि Makar Rashi (Capricorn) – आर्थिक फैसलों में सावधानी और आत्म-चिंतन की आवश्यकता
राहु का द्वितीय भाव में गोचर आपकी वाणी और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डालेगा। आप बोलचाल में प्रभावशाली बनेंगे लेकिन असावधानी से बोला गया एक वाक्य विवाद का कारण बन सकता है। इस दौरान आय के स्रोत बढ़ सकते हैं लेकिन अस्थिर रहेंगे। गलत निवेश या लालच के कारण हानि संभव है।
केतु अष्टम भाव में स्थित होकर आपको जीवन के गहरे रहस्यों की ओर खींचेगा। आप तांत्रिक विद्या, गूढ़ ज्ञान या मनोविज्ञान में रुचि ले सकते हैं। अचानक खर्च या पारिवारिक समस्याएँ तनाव का कारण बन सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषकर पाचन और जनन अंगों को लेकर सतर्क रहें।
राहु-केतु का गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2025) आपको अंदर से परिवर्तित करने की ओर प्रेरित करेगा। अपने परिवार और शब्दों को लेकर संवेदनशील बनें।
उपाय: शनिवार को काले वस्त्र या ओनिक्स रत्न का दान करें और वाणी में संयम रखें।
कुंभ राशि Kumbh Rashi (Aquarius) – आत्म-जागरूकता की तीव्रता और रिश्तों की नई परख
राहु का प्रथम भाव में गोचर आपकी छवि, आत्मविश्वास और जीवनशैली में बदलाव लाएगा। आप अधिक महत्वाकांक्षी, आकर्षक और साहसी बनेंगे। लोग आपकी बातों को गंभीरता से लेंगे और आप समाज में एक प्रभावशाली भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन कभी-कभी राहु भ्रम, अहंकार या आत्म-केंद्रित व्यवहार को बढ़ा सकता है जिससे लोग आपसे दूरी बना सकते हैं।
केतु सप्तम भाव में वैवाहिक और व्यावसायिक साझेदारी में दूरी, गलतफहमी या वैराग्य ला सकता है। जीवनसाथी की अपेक्षाओं को समझने और सहयोग देने की आवश्यकता होगी। व्यापारिक संबंधों में भी पारदर्शिता बनाए रखें।
राहु-केतु का गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2025) आपको भीतर और बाहर – दोनों स्तरों पर खुद को जानने की प्रेरणा देगा। संतुलन बनाकर चलना सफलता की कुंजी होगी।
उपाय: सोमवार को भगवान शिव को सफेद चंदन अर्पित करें और हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
मीन राशि Meen Rashi (Pisces) – अंतर्मन की यात्रा और संघर्ष से मुक्ति की तैयारी
राहु द्वादश भाव में प्रवेश करके आपके अवचेतन मन, खर्चों और विदेश संबंधी मामलों को प्रभावित करेगा। आप आंतरिक बेचैनी, नींद में कमी या अज्ञात भय का अनुभव कर सकते हैं। यह समय आत्मा की गहराइयों को समझने और ध्यान-साधना में प्रवृत्त होने का है। विदेश यात्रा, हॉस्पिटलाइजेशन या तीर्थ यात्रा के योग बन सकते हैं।
केतु षष्ठ भाव में रहकर आपको संघर्षों से लड़ने की शक्ति देगा। आप अदृश्य शत्रुओं, पुराने रोगों या ऋण संबंधी मामलों से छुटकारा पा सकते हैं। कार्यक्षेत्र में सुधार होगा लेकिन मानसिक एकाग्रता बनाए रखना आवश्यक होगा।
यह गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2025) आपको बाहर की दुनिया से हटाकर आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है। शांति से कार्य करें और चिंताओं को त्यागें।
उपाय: शनिवार को कच्चे कोयले पर जल चढ़ाएं और राहु-केतु के मंत्रों का जाप करें।
राहु-केतु का गोचर 2025 हर राशि को जीवन के किसी न किसी पहलू में गहराई से प्रभावित करेगा। राहु जहां नई दिशा, प्रयोग और आकांक्षा का प्रतिनिधि है, वहीं केतु त्याग, आत्मनिरीक्षण और मुक्ति का मार्ग दिखाता है। इस गोचर काल में यदि आप सजग, संयमित और आत्म-जागरूक रहेंगे, तो यह अवधि आपके लिए जीवन को नए अर्थों में समझने का अवसर बन सकती है।
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