प्रदोष व्रत 2025, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Published On : May 8, 2025 | Author : Astrologer Pt Umesh Chandra Pant
Pradosh Vrat May 2025: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मई 2025 का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे करने से जीवन के पाप और दोष समाप्त होते हैं। साथ ही शिवजी की कृपा से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं मई महीने का यह पहला प्रदोष व्रत कब-कब है और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
Pradosh Vrat May 2025: मई में कब-कब है प्रदोष व्रत, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat May 2025) भगवान शिव की आराधना के लिए रखा जाने वाला एक अत्यंत पावन उपवास है, जो प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत दो बार आता है—एक बार शुक्ल पक्ष में और एक बार कृष्ण पक्ष में। इस व्रत को रखने से जीवन में आए सभी दोषों का नाश होता है और भगवान शिव (Lord Shiva) की कृपा से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
मई 2025 में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि इसमें आने वाला पहला व्रत शुक्रवार को पड़ रहा है, जिसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से सुख, समृद्धि और वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने में लाभकारी माना जाता है।
मई प्रदोष व्रत 2025 की तिथि और मुहूर्त (May Pradosh Vrat 2025 Date and Time)
पहला प्रदोष व्रत (शुक्र प्रदोष):
व्रत: 9 मई 2025, शुक्रवार
पूजा का शुभ मुहूर्त: 9 मई को शाम 07:01 बजे से रात 09:08 बजे तक
दूसरा प्रदोष व्रत
व्रत: 24 मई 2025, शनिवार
पूजा का शुभ मुहूर्त: 24 मई को शाम 07:20 से रात 09:13 बजे तक
इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Pradosh Vrat 2025)
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने का सर्वोत्तम उपाय है। इसे करने से:
* पाप और दोष समाप्त होते हैं
* जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
* लंबी बीमारियाँ और पारिवारिक कष्ट दूर होते हैं
* विवाह संबंधी समस्याएँ हल होती हैं
* धन-संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है
प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)
* स्नान और संकल्प: प्रातः काल उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
* निर्जला उपवास: दिनभर उपवास रखें, अगर संभव हो तो जल भी न लें।
* शिवलिंग पर जलाभिषेक: शाम के समय प्रदोष काल में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करें।
* पूजा सामग्री अर्पण: बेलपत्र, धतूरा, आक, सफेद फूल, चंदन, धूप और दीप अर्पित करें।
* मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
* आरती और भोग: अंत में आरती करें और भोग अर्पित करें।
प्रदोष व्रत में क्या करें और क्या न करें (Pradosh Vrat Do’s and Don’ts)
क्या करें:
* नियमपूर्वक उपवास रखें
* शिव-पार्वती की आराधना करें
* जरूरतमंदों को भोजन और दान दें
* घर और पूजा स्थल की सफाई रखें
क्या न करें:
* झूठ न बोलें
* क्रोध, छल-कपट से बचें
* मांसाहार और मद्य का सेवन न करें
* रात्रि में अनुचित कार्यों से दूर रहें
मई 2025 में आने वाला प्रदोष व्रत, विशेष रूप से शुक्र प्रदोष व्रत, भक्तों के लिए शिव कृपा पाने का श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। अगर आप शिवभक्त हैं या अपने जीवन में बदलाव चाहते हैं, तो इस प्रदोष व्रत को ज़रूर करें।
प्रश्नोत्तर – प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025)
प्रश्न: मई 2025 में पहला प्रदोष व्रत कब है?
उत्तर: मई का पहला प्रदोष व्रत 9 मई 2025, शुक्रवार को है, जिसे शुक्र प्रदोष कहा जाएगा।
प्रश्न: प्रदोष व्रत Pradosh Vrat) में पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
उत्तर: पूजा का शुभ मुहूर्त 9 मई को शाम 07:01 बजे से रात 09:08 बजे तक रहेगा।
प्रश्न: क्या प्रदोष व्रत में जल भी नहीं पी सकते?
उत्तर:हां, कई भक्त निर्जला उपवास रखते हैं, लेकिन यदि स्वास्थ्य ठीक न हो तो फलाहार या जल ग्रहण किया जा सकता है।
प्रश्न: प्रदोष व्रत किन देवी-देवताओं को समर्पित है?
उत्तर:यह व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है।
प्रश्न: शुक्र प्रदोष व्रत का क्या महत्व है?
उत्तर: शुक्र प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।